कश पटेल: एफबीआई के नए निदेशक
डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के कश पटेल को अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) का निदेशक नियुक्त किया है। यह नियुक्ति अमेरिका और भारत दोनों में चर्चा का विषय बनी हुई है। कश पटेल अपनी स्पष्ट सोच और मीडिया पर कड़े रुख के लिए जाने जाते हैं। उनका मानना है कि अमेरिकी मीडिया देश का सबसे बड़ा दुश्मन है।
मीडिया पर विचार
कश पटेल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अमेरिकी मीडिया, साजिशों के जरिये देश की जनता को भ्रमित करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पत्रकारों पर मुकदमे चलाने के लिए नए कानून बनाने की जरूरत है। 2016 में डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव में कथित रूसी हस्तक्षेप पर मीडिया की भूमिका को उन्होंने अमेरिका के हितों के खिलाफ बताया।
एफबीआई में सुधार की योजनाएँ
एफबीआई के निदेशक के तौर पर कश पटेल कई बड़े बदलावों की योजना बना रहे हैं।
- खुफिया जानकारी सीमित करना: उनका मानना है कि एफबीआई की प्राथमिकता जमीनी जांच पर होनी चाहिए।
- मुख्यालय स्थानांतरण: उन्होंने एफबीआई का मुख्यालय वाशिंगटन डीसी से बाहर स्थानांतरित करने का सुझाव दिया है ताकि इसे राजनीतिक प्रभाव से दूर रखा जा सके।
- नई नीतियां: एफबीआई अधिकारियों को अधिक फील्ड कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
राम मंदिर पर टिप्पणी
कश पटेल भारतीय संस्कृति और इतिहास के प्रबल समर्थक हैं। उन्होंने राम मंदिर निर्माण पर एक पोस्ट में कहा था कि अयोध्या का 500 वर्षों का इतिहास विदेशी मीडिया द्वारा अनदेखा किया गया। उनकी यह टिप्पणी भारतीय और अमेरिकी मीडिया में चर्चा का विषय बनी।
भारतीय मूल और उनकी उपलब्धियां
गुजराती मूल के कश पटेल के माता-पिता तंजानिया से अमेरिका आए थे। न्यूयॉर्क में जन्मे कश कानून की पढ़ाई कर चुके हैं। वे अपने भारतीय मूल पर गर्व महसूस करते हैं और इसे अपनी प्रेरणा मानते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- एफबीआई के नए निदेशक: डोनाल्ड ट्रंप ने कश पटेल को एफबीआई निदेशक नियुक्त किया।
- मीडिया पर टिप्पणी: कश पटेल ने अमेरिकी मीडिया को देश का सबसे बड़ा दुश्मन बताया।
- एफबीआई सुधार योजनाएँ: खुफिया जानकारी सीमित करने और मुख्यालय स्थानांतरित करने की योजना।
- राम मंदिर पर समर्थन: राम मंदिर के 500 साल पुराने इतिहास की अनदेखी पर नाराजगी।
- भारतीय मूल का गर्व: कश पटेल अपने गुजराती मूल को प्रेरणा मानते हैं।
यह लेख कश पटेल के जीवन, विचारों और उनकी नई जिम्मेदारियों को समझने का प्रयास करता है। उनके फैसले अमेरिका और भारत दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।