आयुष्मान सहकार योजना, भारत सरकार की एक पहल है, जिसे नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NCDC) द्वारा 2020 में लॉन्च किया गया। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना है। सहकारी संस्थानों के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करना इस योजना का मुख्य लक्ष्य है।
योजना के तहत सहकारी संस्थानों को वित्तीय सहायता और सॉफ्ट लोन प्रदान किया जाता है, ताकि वे अस्पताल, क्लीनिक, लैब, और स्वास्थ्य सुविधाएं स्थापित कर सकें। यह योजना आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आयुष्मान सहकार योजना में कैसे आवेदन करें?
- ऑनलाइन आवेदन:
- NCDC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- योजना के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरें।
- आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
- सीधे संपर्क:
- आप अपने नजदीकी NCDC क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
- वहाँ योजना से संबंधित सभी प्रक्रियाओं को समझा जा सकता है।
- प्रस्ताव भेजें:
संस्थान को अपनी परियोजना की रिपोर्ट और प्रस्ताव NCDC को जमा करना होगा।
योजना के अंतर्गत दी जाने वाली वित्तीय सहायता (Financial Assistance)
- अस्पताल और हेल्थ सेंटर:
अस्पतालों और हेल्थ सेंटर की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। - लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर:
आधुनिक लैब और जांच केंद्रों को स्थापित करने के लिए विशेष फंड उपलब्ध है। - स्वास्थ्य शिक्षा:
मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज खोलने के लिए लोन उपलब्ध है। - अधिकतम लोन सीमा:
संस्थानों को ₹10 करोड़ या उससे अधिक का लोन दिया जा सकता है, जो प्रोजेक्ट के आकार पर निर्भर करता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आयुष्मान सहकार योजना, ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर सुधारने की एक प्रभावी पहल है। यह योजना सहकारी संस्थानों को स्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान देने के लिए प्रेरित करती है और साथ ही, भारत को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक और कदम आगे ले जाती है।
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