दोस्तों आज का हमारा पोस्ट surah fatiha meaning in hindi के बारे में है। अगर आप भी इसी ही कुछ ढूँढ रहे थे और जानने चाहते थे इसका अर्थ तो ये काफ़ी ख़ास है। तो चलिए फिर जानते है इसके अर्थ के बारे में,
सूरह फातिहा का अर्थ (Surah Fatiha Meaning in Hindi)
सूरह फातिहा (سورة الفاتحة) कुरान की पहली और सबसे महत्वपूर्ण सूरत है। इसे “उद्घाटन की सूरत” भी कहा जाता है, क्योंकि यह कुरान का आरंभ करती है। इसे “उम्मुल-किताब” यानी “किताब की माता” भी कहा जाता है। यह कुल 7 आयतों की सूरत है और इस्लामिक नमाज़ (सलात) में हर रकअत में पढ़ी जाती है।
सूरह फातिहा का अरबी टेक्स्ट और हिंदी अनुवाद:
- بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ
हिंदी अनुवाद: अल्लाह के नाम से शुरू, जो बहुत मेहरबान और निहायत रहम वाला है। - الْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ
हिंदी अनुवाद: सारी तारीफें अल्लाह के लिए हैं, जो सारे जहानों का पालनहार है। - الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ
हिंदी अनुवाद: जो बहुत मेहरबान और निहायत रहम वाला है। - مَالِكِ يَوْمِ الدِّينِ
हिंदी अनुवाद: बदले (कयामत) के दिन का मालिक। - إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ
हिंदी अनुवाद: हम केवल तेरी ही इबादत करते हैं और केवल तुझी से मदद मांगते हैं। - اهْدِنَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِيمَ
हिंदी अनुवाद: हमें सीधा रास्ता दिखा। - صِرَاطَ الَّذِينَ أَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ غَيْرِ الْمَغْضُوبِ عَلَيْهِمْ وَلَا الضَّالِّينَ
हिंदी अनुवाद: उन लोगों का रास्ता जिन पर तूने इनाम किया, ना कि उनका जिन पर गुस्सा हुआ और ना ही जो भटके हुए हैं।
सूरह फातिहा का महत्व
- हर नमाज़ में पढ़ा जाना:
सूरह फातिहा इस्लामिक नमाज़ का एक अनिवार्य हिस्सा है। बिना इसके नमाज़ अधूरी मानी जाती है। - दुआ और प्रार्थना का सार:
यह एक दुआ है, जिसमें अल्लाह की तारीफ की जाती है, उसकी रहमत और मार्गदर्शन मांगा जाता है। - कुरान का सार:
इसे कुरान का सार कहा जाता है क्योंकि यह अल्लाह की महानता, रहमत, न्याय, और मार्गदर्शन की मांग को व्यक्त करती
सूरह फातिहा के फायदे (Benefits of Surah Fatiha):
- रूहानी शांति: इसे पढ़ने से दिल को सुकून और आत्मा को शांति मिलती है।
- इलाज और शिफा: इसे बीमारी और परेशानियों से निजात पाने के लिए पढ़ा जाता है।
- गाइडेंस: यह हमें सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती है।
सूरह फातिहा का संदेश:
- अल्लाह की तारीफ और उसकी महानता को स्वीकार करना।
- अपने हर काम और हर जरूरत के लिए अल्लाह पर निर्भर रहना।
- सही मार्ग की तलाश और उस पर दृढ़ रहना।
निष्कर्ष (Conclusion):
सूरह फातिहा मुसलमानों के जीवन और इबादत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह अल्लाह की रहमत और मार्गदर्शन की प्रार्थना है। इसे समझकर और दिल से पढ़ने से न केवल आत्मा को शांति मिलती है, बल्कि अल्लाह की कृपा भी प्राप्त होती है।
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